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जनवरी, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ब्रह्म या माया दोनों में सत्य क्या है

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  मनुष्य के ऊपर भ्रम या माया का प्रभाव ----- मनुष्य इस संसार में भ्रम या माया में से किसी न किसी से प्रभावित जरूर रहता है ज्यादातर माया से ही प्रभावित रहता है। जब हम माया से संबंधित चीजों का चिंतन करते हैं तो माया हमारे ऊपर हावी हो जाती है। भौतिक जगत की जो भी वस्तुएं हम देख या स्पर्श कर सकते हैं वह सब माया ही हैं। कैसे जाने की हम माया के प्रभाव में हैं----- जिसके चिंतन से हमें लोभ मोह क्रोध भय शोक और अशांति का आभास हो , तो समझ लीजिए की माया का पूरा-पूरा प्रभाव आपके ऊपर है। कैसे जाने की हम ईश्वर के प्रभाव में है----- जो नित्य निरंतर शाश्वत परम आनंद मय है उसका चिंतन जब हम करते हैं तो देखा या छुआ नहीं जा सकता लेकिन, वह अपनी कृपा से अपने होने का एहसास करता राहत है। उसे ब्रह्म के प्रभाव में आनेसे हमें शांति संतोष सुख आनंद तथा निडरता दया परोपकार की भावना प्राप्त  होती रहती है। तो समझो कि हम ईश्वर के प्रभाव में है। अब आप यह समझ गए होंगे कि कब आप ईश्वर के प्रभाव में रहते हैं और कब माया के प्रभाव में रहते हैं और कैसे। जिसका चिंतन आप ज्यादा करेंगे उसके प्रभाव में आप रहेंगे। अब यह आपको ह...

हमारे दुखों का कारण क्या है क्या अज्ञानता ही इसका कारण है

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हर इंसान खुशी पाना चाहता है क्योंकि हर इंसान भगवान का ही अंश है और भगवान आनंद का स्वरूप है यह बात हम सबको पता है। तो इस तरह से होता यह है कि किसी भी इंसान को जहां खुशी मिलती है उसे वही अच्छा लगता है जहां जहां वह अपने आप को अच्छा महसूस करता है अपना मन हल्का महसूस करता है चाहे वह कोई जगह हो चाहे कोई परिस्थिति बदलने से होता हो या किसी इंसान के साथ उसको अच्छा लगता है तो इसलिए वह उसी के साथ खुश रहने में खुद को सुखी महसूस करने लगता है । लेकिन होता यह है कि कुछ समय तो उसे अच्छा लगता है कुछ समय तो खुशी महसूस कर लेता है लेकिन कुछ टाइम के बाद वह फिर निराश महसूस करने लगता है क्योंकि यह संसार क्षणभंगुर है यह परिवर्तित होता रहता है परिवर्तन होना इस संसार का नियम है कोई भी चीज एक जैसी नहीं रह सकती है,  इंसान के स्वभाव में बदलाव आ जाता है जगह में बदलाव आ जाता है परिस्थिति बदल जाती है और इंसान फिर से दुखी महसूस करने लगता है इंसान को लगता है कि मैं इसके साथ खुश रह सकता हूं या इस जगह पर खुश रह सकता हूं लेकिन होता यह है कि चीजें बदलती रहती है।  यह संसार वैसे तो सच्चिदानंद परमात्मा का बनाया हुआ ह...