संदेश

मई, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ब्रह्म या माया दोनों में सत्य क्या है

चित्र
  मनुष्य के ऊपर भ्रम या माया का प्रभाव ----- मनुष्य इस संसार में भ्रम या माया में से किसी न किसी से प्रभावित जरूर रहता है ज्यादातर माया से ही प्रभावित रहता है। जब हम माया से संबंधित चीजों का चिंतन करते हैं तो माया हमारे ऊपर हावी हो जाती है। भौतिक जगत की जो भी वस्तुएं हम देख या स्पर्श कर सकते हैं वह सब माया ही हैं। कैसे जाने की हम माया के प्रभाव में हैं----- जिसके चिंतन से हमें लोभ मोह क्रोध भय शोक और अशांति का आभास हो , तो समझ लीजिए की माया का पूरा-पूरा प्रभाव आपके ऊपर है। कैसे जाने की हम ईश्वर के प्रभाव में है----- जो नित्य निरंतर शाश्वत परम आनंद मय है उसका चिंतन जब हम करते हैं तो देखा या छुआ नहीं जा सकता लेकिन, वह अपनी कृपा से अपने होने का एहसास करता राहत है। उसे ब्रह्म के प्रभाव में आनेसे हमें शांति संतोष सुख आनंद तथा निडरता दया परोपकार की भावना प्राप्त  होती रहती है। तो समझो कि हम ईश्वर के प्रभाव में है। अब आप यह समझ गए होंगे कि कब आप ईश्वर के प्रभाव में रहते हैं और कब माया के प्रभाव में रहते हैं और कैसे। जिसका चिंतन आप ज्यादा करेंगे उसके प्रभाव में आप रहेंगे। अब यह आपको ह...

ईश्वर का स्मरण और अमृत एक समान

चित्र
  हमारा मन हर वक्त भौतिक वस्तुओं सुख-सुविधाओं में ही लगा रहता है और बस कभी-कभार ही ईश्वर का स्मरण करता है यह मानकर की यह भी एक काम है और यही कारण है कि हम सब दुख जंजाल में फंसे ही रह जाते हैं क्योंकि हमें जिस तरह चाबी ताले पर सही दिशा में लगानी चाहिए उसी तरह भगवान का स्मरण भी काम मानकर नहीं करना चाहिए बल्कि हमें अपने मन को समझाना होगा यह बताना होगा कि भगवान का स्मरण हमें हर वक्त करना ही है। हमें अपने मन की बात ना मान कर अपने विवेक बुद्धि की बात माननी चाहिए और अपने मन को सदैव ईश्वर स्मरण में लगाना होगा और यह समझाना होगा कि यह एकमात्र हमारा काम नहीं है बल्कि या हमें नित्य निरंतर करना ही है और संसार में जो भी हमारे कर्तव्य है उसे काम मानकर जिम्मेदारी मानकर बस करते जाना है लेकिन ईश्वर में मन हमेशा लगाए रखना है क्योंकि यही एक सबसे साधारण मार्ग जो हमें दुखों से छुटकारा दिला सकता है। मन को वश में करना इसलिए जरूरी है क्योंकि मन को अगर हमने बस में नहीं किया तो यह हमें अपने बस में कर लेगा और निरंतर ही दल दल की ओर ढकेल ता जाएगा मन को यह समझाना जरूरी है कि भौतिक सुख सुविधाएं जो है वह हमें सिर्...