ब्रह्म या माया दोनों में सत्य क्या है

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  मनुष्य के ऊपर भ्रम या माया का प्रभाव ----- मनुष्य इस संसार में भ्रम या माया में से किसी न किसी से प्रभावित जरूर रहता है ज्यादातर माया से ही प्रभावित रहता है। जब हम माया से संबंधित चीजों का चिंतन करते हैं तो माया हमारे ऊपर हावी हो जाती है। भौतिक जगत की जो भी वस्तुएं हम देख या स्पर्श कर सकते हैं वह सब माया ही हैं। कैसे जाने की हम माया के प्रभाव में हैं----- जिसके चिंतन से हमें लोभ मोह क्रोध भय शोक और अशांति का आभास हो , तो समझ लीजिए की माया का पूरा-पूरा प्रभाव आपके ऊपर है। कैसे जाने की हम ईश्वर के प्रभाव में है----- जो नित्य निरंतर शाश्वत परम आनंद मय है उसका चिंतन जब हम करते हैं तो देखा या छुआ नहीं जा सकता लेकिन, वह अपनी कृपा से अपने होने का एहसास करता राहत है। उसे ब्रह्म के प्रभाव में आनेसे हमें शांति संतोष सुख आनंद तथा निडरता दया परोपकार की भावना प्राप्त  होती रहती है। तो समझो कि हम ईश्वर के प्रभाव में है। अब आप यह समझ गए होंगे कि कब आप ईश्वर के प्रभाव में रहते हैं और कब माया के प्रभाव में रहते हैं और कैसे। जिसका चिंतन आप ज्यादा करेंगे उसके प्रभाव में आप रहेंगे। अब यह आपको ह...

घमंड करने से क्या होता है।

 जब किसी इंसान के अंदर तो उसके अंदर बहुत सारे अवगुण अपने आप ही आ जाते हैं जो कि उसके बाद व्यवहार में समय-समय पर दिखाते रहते हैं। 

यह आसपास के लोगों साफ दिखाई देता है और उन्हें प्रभावित भी करता है।


और इस तरह करके जिस इंसान के अंदर घमंड आ जाता है उससे धीरे लोग दूर होने लगते हैं।

घमंडी इंसान को बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

जिसमे से कुछ विशेष बातें आप को बताने वाला हूं।

जिस इंसान के अंदर घमंड आ जाता है उसकी सोचने समझने की क्षमता बहुत ही कम होजाती है।

घमंडी इंसान के अंदर छोटी छोटी ऐसी बहुत सी आदतें आ जाती हैं जो की उसकी बात चीत में दिखाई देती है।

घमंडी इंसान अपने आगे किसी को कुछ नही समझता और इस तरह वह कभी भी किसी से कुछ सीख नही पाता।

घमंडी इंसान बिना बात के ही लोगो से बहस करना शुरू कर देता है और इस तरह वो बहुत सारे दुश्मन बना लेता है।

अब आप खुद सोचिए की एक घमंडी इंसान जिसके की इतने चिढ़ने वाले लोग हो तो उसे सकारात्मक ऊर्जा कहां से मिलेगी।

इस तरह से ऐसे लोग नकारात्मक ऊर्जा से घिरे रहते हैं।

घमंडी लोगो को गुस्सा बहुत आता है और गुस्सा करने वाले लोग कभी भी सही निर्णय नही ले पाते।

घमंडी लोग कभी भी एकाग्र नहीं हो पाते ।

घमंडी लोगो में कभी भी ईश्वर के प्रति आस्था का भाव पूरी तरह से नही देखा जा सकता है।

तो सीखने वाली बात यह है की जिन लोगों में घमंड होता है वो लोग सिर्फ घमंड ही नहीं बल्कि साथ ही और भी कई अवगुणों के शिकार हो जाते हैं।

जैसे कि नकारात्मकता, क्रोध , अनिश्चितता, अनियंत्रित, ईश्वर की प्रति दिखावा ।सच्ची भक्ति इनमे नही होती।


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